25 Feb 2010

वाह संजीव, जीना कोई तुमसे सीखे


सुजीत कुमार पप्पू, मुजफ्फरपुर : कोई कल्पना कर सकता है कि हादसे में दोनों पैर गंवा बैठा शख्स एक पल भी शोक में नहीं गुजारता, बल्कि इलाज और दवा से मुक्ति पाने के तत्काल बाद अपने लक्ष्य को पाने की ओर कदम बढ़ा देता है, लक्ष्य पा भी लेता है? नहीं न? लेकिन, मुजफ्फरपुर में है ऐसा ही एक शख्स। नाम है संजीव कुमार, उम्र 36 वर्ष और रहता है दाउदपुर कोठी (एमआईटी) मोहल्ले में। वह नजीर है समाज के लिए और प्रेरणा है उन लोगों के लिए जो छोटे-छोटे हादसे में टूट जाते हैं, बिखर जाते हैं। एक ट्रेन हादसे में दोनों पैर गंवा चुके संजीव ने ह्वीलचेयर के सहारे न केवल एमसीए किया, बल्कि नया साफ्टवेयर बनाकर कंप्यूटर की दुनिया में कीर्तिमान भी स्थापित कर दिया। उनके बनाए साफ्टवेयर का आज सूबे के हजारों व्यवसायी इस्तेमाल कर रहे हैं। संजीव अब कात्यायनी सिल्कन डाटा सिस्टम (केएसडीएस) प्रा. लि. कंपनी के नाम से इस साफ्टवेयर को देश स्तर पर उतारने की योजना बना रहे हैं। वे इस कंपनी के प्रबंध निदेशक भी हैं। दरअसल, दोनों पैरों से अपाहिज इस युवक ने नियति के क्रूर मजाक को वरदान के रूप में लिया। सकारात्मक सोच ही उनकी ताकत है। संजीव कहते हैं, प्रकृति सभी को अवसर देती है। मेरे साथ हुई घटना को लोग प्रकृति का मजाक समझने लगे, लेकिन मैंने इसे अवसर मानकर सकारात्मक सोच बनाए रखी और परिणाम है कि आज इस मुकाम पर हूं। उनका कहना है कि सभी अपाहिज, विकलांग, नि:शक्त व बेसहारा लोगों को उपलब्ध साधनों के बल अपने अंदर संचित ऊर्जा का इस्तेमाल करना चाहिए। कार्य मुश्किल हो सकता है, असंभव नहीं। विज्ञान के मेधावी छात्र व कंप्यूटर के दीवाने संजीव कंप्यूटर प्रोग्रामिंग के कार्य से 22 अप्रैल 2001 को खगडि़या से घर लौट रहे थे। बरौनी स्टेशन पर ट्रेन पकड़ने के दौरान धक्का लगने से गिरे और जांघ के नीचे से उनके दोनों पैर कट गए। लेकिन उन्होंने हिम्मत न हारी। उस समय वे एक तरफ कंप्यूटर का डिप्लोमा कोर्स और दूसरी तरफ कंप्यूटर आपरेटिंग का जॉब भी कर रहे थे। जॉब के ही दौरान लोगों की विभिन्न व्यावसायिक समस्याओं से रूबरू हुए। इसी के मद्देनजर एक व्यावसायिक साफ्टवेयर में दिमाग लगाया और उसका निर्माण कर दिया, जो मेडिकल स्टोर्स, एफएम सीजी, मोटर पा‌र्ट्स, स्कूल, कालेज आदि के लिए उपयुक्त साबित हुआ। 19 FEB 2010 dAINIK jAGRAN

24 Dec 2009

मिदन कुमार कर्ण, बाबूबरही (मधुबनी) : तेघरा गांव में जेबरलाल दास और राजेश्र्वरी देवी के घर चार फरवरी, 1963 को जब गजेंद्र पैदा हुए तो सोहर की धुन पर समूचा गांव नाच उठा था। पर, खुशी ज्यादा दिनों तक नहीं टिक पाई। तीन साल की उम्र में ही गजेंद्र पोलियो के शिकार हुए और दोनों पैरों से विकलांग हो गए। फिर वह बालक उपहास व उपेक्षा का पात्र बन गया। अब यही बालक डा. गजेन्द्र नारायण कर्ण के नाम से देश के कोने-कोने में जाना जाता है। गांव-घर के लोग फूले नहीं समाते। डा. गजेन्द्र भारत सरकार की 11वीं पंचवर्षीय योजना में विकलांगों के सशक्तीकरण के लिए गठित 94 सदस्यीय कार्यदल के अध्यक्ष हैं। इसी कार्यदल की अनुशंसा पर केंद्र सरकार ने विकलांगों के राष्ट्रीय शिक्षण संस्थानों को बाधा मुक्त बनाने तथा प्राइवेट सेक्टर में एक लाख विकलांगों के लिए रोजगार सृजन का भी सरकार ने निर्णय लिया है। भारत में विकलांगता अध्ययन : मुद्दे और चुनौतियों विषयक अपने शोध में इन्होंने विकलांगता अध्ययन को एक अलग शैक्षणिक विषय के रूप में विकसित करने की वकालत की है। यही नहीं सोसाइटी फार डिसैबलिटी एंड रिहैबलिएशन स्टडीज के अध्यक्ष पूर्व राष्ट्रपति डा. कलाम तथा पत्रकार कुलदीप नैयर की मदद से इन्होंने केंद्रीय मानव संसाधन विकास विभाग द्वारा विकलांगता अध्ययन को वर्ष 2005 में एक अलग विषय के रूप में मान्यता दिलाई। इनकी पहल पर केंद्रीय विवि में विकलांगता अध्ययन में राजीव गांधी पीठ की स्थापना को मंजूरी मिल चुकी है। वहीं इग्नू, टाटा सामाजिक विज्ञान संस्थान मुंबई, अम्बेदकर विवि नई दिल्ली, पेरियार विवि आंध्रप्रदेश और गुवाहाटी विवि में शोध को बढ़ावा देने के लिए विकलांगता विषयक पाठ्यक्रम शुरू किए गए हैं। डा. कर्ण राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग तथा समाज कल्याण विषय पर 11वीं पंचवर्षीय योजना की मध्यावधि समीक्षा के लिए गठित परामर्शी समिति के सदस्य भी बनाये गए हैं। जेएनयू में विकलांगता अध्ययन के विशेषज्ञ के रूप में लगातार शोध करते रहे डा. कर्ण को अपनी माटी से गहरा लगाव है। गांव आने पर हर दरवाजे पर दस्तक देकर लोगों का हालचाल जानते हैं। इनका इरादा है बाबूबरही प्रखंड को विकलांगों के लिए माडल बनाना।

22 Dec 2009

आंखों में रोशनी नहीं, पढ़ा रहे गणितविभा रानी, सीतामढ़ी : कल्पना कीजिए, आपके सामने बैठा एक अंधा इंसान भौतिकी और गणित के जटिल सवालों का धड़ाधड़ दे रहा हो जवाब। आपके हाथ में हो किसी नामचीन भौतिकी वैज्ञानिक की किताब और किसी भी अध्याय के बारे में पूछने पर पृष्ठ संख्या सहित बता दे जवाब, तो है न हैरत वाली बात? सीतामढ़ी जिले में एक ऐसे ही शिक्षक हैं- केसी चौधरी। चौधरी डुमरा स्थित इंटरस्तरीय स्कूल में भौतिकी पढ़ाते हैं। कृष्णानगर डुमरा के रहने वाले हैं। शिक्षा के प्रति पूरी तरह समर्पित। विकलांगों के लिए स्कूल खोलने का सपना भी देख रहे हैं। वह बच्चों को इस तरह पढ़ाते हैं जैसे साक्षात सरस्वती अवतरित हो गई हों। अनुभव इतना गहरा कि पूरा पाठयक्रम याद है। पहले दिन स्कूल आने वाले बच्चों के बीच श्री चौधरी आश्चर्य का कारण बनते रहे हैं, पर आगे चलकर बच्चे इन पर लट्टू हो जाते हैं। गणित और भौतिकी के फार्मूले जुबान पर रहते हैं। चौधरी मूल रूप से पुपरी प्रखंड केभिट्ठा धर्मपुर गांव के रहने वाले हैं। इनके पिता स्व. रामनंदन चौधरी भी शिक्षक थे। एक भाई रामचंद्र चौधरी पुपरी में हाईस्कूल के शिक्षक हैं। 26 सितंबर 1959 को पैदा हुए चौधरी ने मैट्रिक पुपरी के एलएम हाईस्कूल से किया। इंटर व स्नातक श्री राधा कृष्ण गोयनका कालेज से तथा एमएससी फिजिक्स बिहार यूनिवर्सिटी से की। स्नातक की पढ़ाई के दौरान ही उनके आंखों में परेशानी होने लगी। किताबों के बीच ज्यादा ध्यान लगाने से आंखों की रोशनी चली गई। काफी इलाज कराया। एम्स तक गए लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। आंखों में ग्लुकोमा नामक रोग हो गया और वह अंधी जिंदगी जीने को मजबूर हो गए। वर्ष 1984 से अंधेरी जिंदगी जी रहे हैं। इसके बाद ब्रेल लिपि की ओर कदम बढ़ाया। एक साल के प्रशिक्षण के लिए नेशनल इंस्टीच्यूट फार विजन देहरादून गए। इसी दौरान अप्रैल 1989 में उन्हें सीतामढ़ी इंटर स्कूल डुमरा में नियुक्ति के लिए बुलावा आया। उन्होंने प्रशिक्षण छोड़कर नौकरी कर ली। बीस वर्षो से वह इसी स्कूल में नियमित रूप से कार्यरत हैं। पत्‍‌नी कुशल गृहिणी हैं। एक पुत्र निशांत देहरादून में कानून की पढ़ाई कर रहा है। वहीं पुत्री सुगंधा बीएससी की पढ़ाई कर रही है। घर में ब्रेल लिपि के उपकरण भी हैं। रेडियो सुनने की आदत है। शिक्षा ज्ञान के लिए आडियो-सीडी भी सुनते हैं। ब्रेल लिपि के मैग्जीन उनके पास आते रहते हैं। हां, अखबार में छपी खबरों को जानने के लिए दूसरों की मदद जरूर लेते हैं। एक रिक्शाचालक उन्हें रोजाना घर से स्कूल पहुंचाता-लाता है। वर्ष 1998 में उन्होंने विकलांग विकास संस्थान की स्थापना की। इसके बाद बिहार शिक्षा परियोजना की मदद से विकलांगों को शिक्षित करने की मुहिम में जुट गये। शुरुआती दिनों में तो सबकुछ ठीक रहा, लेकिन बाद में मदद नहीं मिलने से मुहिम प्रभावित हो गया। वे चाहते हैं कि कोई जमीन दान करें ताकि अंधों के लिए स्कूल खोल सकें। इसके लिए वे राघोपुर व राजधानी पटना में सीएम के जनता दरबार में कई बार गुहार लगा चुके हैं। उनकी मानें तो जिले में फिलहाल 400 से अधिक नेत्रहीन बच्चे हैं। इनकी पहल पर मंत्री देवेश चंद ठाकुर व पूर्व मंत्री डा. रामचंद्र पूर्वे करीब सौ नेत्रहीन बच्चों को रेडियो सेट उपलब्ध करा चुके हैं। यही नहीं डा. पूर्वे की पहल पर ही इनके संगठन का निबंधन भी हुआ। आंखों में रोशनी..
केएसडीएस में वार्षिकोत्सव क्विज प्रतियोगिता आयोजितमुजफ्फरपुर, निप्र : कात्यायनी सिलिकान डाटा सिस्टम प्रा. लि. (केएसडीएस) की ओर से तृतीय वार्षिकोत्सव समारोह का आयोजन एक स्थानीय होटल में किया गया। समारोह का उद्घाटन कंपनी के वाणिज्य पदाधिकारी सुजीत कुमार ने दीप प्रज्जवलित कर किया। उन्होंने कहा कि आज कंप्यूटर हर क्षेत्र में महत्वपूर्ण हो गया है। उन्होंने 2010 से संभावित वस्तु व सेवाकर (जीएसटी) के अतिरिक्त वैट आनलाइन फाइलिंग से संबंधित जानकारी दी। इस मौके पर आयोजित क्विज प्रतियोगिता के विजेता को गिफ्ट हैम्पर दिया गया व लक्की ड्रा के विजेता राजीव मेडिकल मुजफ्फरपुर को प्रथम पुरस्कार के रूप में टीएफटी मानीटर, कमला इंटरप्राइजेज दलसिंहसराय द्वितीय को डीवीडी प्लेयर व मेट्रोज मेडिकल तृतीय को नोकिया मोबाइल प्रदान किया गया। साथ ही पांच को सांत्वना पुरस्कार की घोषणा की गई जो अगले कार्यक्रम में दिया जाएगा। अंत में बिहार आइडियल के विपिन कुमार समेत कई कलाकारों ने गीत प्रस्तुत किये। समारोह में राजकीय पालिटेक्निक के प्राचार्य अंजनी कुमार मिश्रा व बीआरए बिहार विवि के अजय कुमार सिंह, विश्वनाथ प्रसाद व केके चौधरी, काजल, आंचल, पायल, आरूषि उपस्थित थे। अध्यक्षता बिहार संस्कार भारती संगठन मंत्री गणेश प्र. सिंह ने की जबकि संचालन मनीष कुमार ने किया।

22 Apr 2009

Dainik Jagran News

जरूरी है सुधार
भारत एक लोकतांत्रिक राष्ट्र है। जनता अपने मनपसंद उम्मीदवार को वोट कर उसे जिम्मेवार पद उपलब्ध कराती है ताकि राष्ट्र का संचालन उनकी सोच के मुताबिक चले। जनता अपने नेता को देश एवं समाज सेवा के लिए चुनती है परन्तु दलगत राजनीति में जनप्रतिनिधियों का एक बहुत बड़ा हिस्सा विपक्ष में बैठने पर मजबूर होता है। हालांकि जनता जब वोट करती है तो उसकी यह सोच होती है कि उसका प्रतिनिधि सरकार में भागीदारी निभाये, जो शतप्रतिशत संभल नहीं हो पाता है। फिर तो ऐसी जनता क्या ठगी नहीं जाती है? जिस तरह किसी संस्थान को चलाने के लिए सभी कर्मचारी-पदाधिकारी मिलकर कार्य करते हैं उसी तरह किसी संसद एवं विधानसभा के सभी सदस्यों को सरकार हित में एकमत होकर सोचना चाहिए? सरकार चाहे देश की हो या राज्य की सबसे पहले विपक्ष की भूमिका को खत्म कर देनी चाहिए। ताकि एक पक्ष, एक विचार और एक लड़ाई हो सके और एक सोच बनाकर विजय प्राप्त किया जा सके। जबकि पक्ष एवं विपक्ष की भूमिका में हमारे प्रतिनिधि देशहित एवं जनहित के बारे में न सोचकर सिर्फ निजी एवं पार्टी हित की चिंता में लगे रहते हैं जिससे देश के लोकतांत्रिक व्यवस्था को चोट पहुंचती है। विपक्ष, पक्ष के पांव खींचने में लगी रहती है और आतंकवाद, परमाणु डील या फिर महिलाओं का आरक्षण इत्यादि जैसे मुद्दों पर संसद में चर्चा नहीं हो पाती है एवं संबंधित बिल खटाई में चले जाते हैं। यह बहुत ही संवेदनशील विषय है कि एक चुनाव में देश का अरबों रुपये खर्च हो जाता है मगर ये अरबों रुपये तब मिट्टी में मिल जाते हैं जब सरकार से कोई पार्टी अपने स्वार्थ के कारण समर्थन वापस ले लेती है और सरकार गिर जाती है। जरा सोचिए ऐसे में ठगा कौन गया? केवल जनता।
संजीव कुमार, ब्रह्मपुरा, मुजफ्फरपुर

21 Jan 2009

डीआईजी से मिले विवि शिक्षक
मुजफ्फरपुर, कार्यालय संवाददाता : तिरहुत क्षेत्र के डीआईजी अरविन्द पांडेय से मंगलवार को भौतिकी विभागाध्यक्ष डा. एसएन तिवारी के साथ शिक्षकों का प्रतिनिधिमंडल मिला। इसमें विधान पार्षद नरेंद्र प्रसाद सिंह, इतिहास विभागाध्यक्ष डा. पद्माशा झा, संस्कृत विभागाध्यक्ष सतीश चन्द्र झा, डा. वीरेन्द्र कुमार सिंह, डा. युगल किशोर सिंह, डा. नलिन विलोचन, डा. ममता रानी आदि शामिल थे। डा. तिवारी ने मामले की निष्पक्ष जांच एवं कार्रवाई के लिए डीआईजी का आभार प्रकट किया। इस क्रम में डीआईजी ने डा. तिवारी से पूरे मामले की विस्तृत जानकारी ली। डा. तिवारी ने डीआईजी को बताया कि उन्होंने जिस चेक से राशि निकाली थी वह चेक उन्हें पूर्व विभागाध्यक्ष ने दिया था। साथ ही खर्च की गयी राशि का वाउचर भी उन्होंने छात्रावास की संचिका में लगा दिया था।
विश्वभारती में सलाना खेल-कूद प्रतियोगिता संपन्न
Sunday 18th of January 2009


मुजफ्फरपुर (कावेरी ब्यूरो) , 18 जनवरी। खेलों से हमारे बीच आपसी सहयोग की भावना पनपती है। खेलों का महत्व इतना है कि यह जाति, धर्म सभी की सीमाओं को तोड़कर भाईचारा व सद्भाव का संदेश देता है। ये बातें संस्कार भारती के उत्तर बिहार प्रांतीय संगठन मंत्री व भगवानपुर स्थित विश्वभारती उच्च विद्यालय के निदेशक गणेश प्रसाद सिंह ने विद्यालय के सलाना खेल-कूद प्रतियोगिता समापन समारोह में बच्चों को संबोधित करते हुए कही। दो दिवसीय इस खेल-कूद प्रतियोगिता का उदघाटन गत 17 जनवरी को श्री सिंह ने ही किया था। उन्होंने आगे कहा कि विवेकानंद ने भी खेल को धर्म से ऊपर बताया था। प्राचार्य सुनील कुमार ने बताया कि इस प्रतियोगिता में सफल छात्रों को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर पुरस्कृत किया जाएगा। इस प्रतियोगिता में 5वीं से 9वीं कक्षा के छात्र-छात्राओं ने भाग लिया था। दौड़, धीमी साइकिल रेस, कबड्डी सहित खेलों की कई श्रेणियां थी। 200 मीटर दौड़ में जयन्ती कुमारी, रविनंदन कुमार, आयुष कुमार। कबड्डी में-सनोज कुमार, कयल कुमार, विप्रा रानी। आई.क्यू. टेस्ट में-जयन्ती कुमारी, गौरव कुमार राघव नमन। सुई धागा प्रतियोगिता में-रूपा कुमारी, माधवी, सुजाता तथा चम्मच-गोली में-अंकिता, देवेन्द्र, कविता, पूजा कुमारी, नेहा तथा चेतन ने बाजी मारी।
इस अवसर पर विद्यालय के शिक्षक-शिक्षिकाएं नवल किशोर मिश्र, रणजीत कुमार, प्रेमांशु कुमार, प्रभात किरण, राजीव कुमार, सुजाता, श्रुति, निराला, वीरेन्द्र आदि भी उपस्थित थे।

25 Dec 2008

DAINIK JAGRAN NEWS

केएसडीएस : कूपन विजेता पुरस्कृत मुजफ्फरपुर : कात्यायनी सिलिकन डाटा सिस्टम प्राइवेट लिमिटेड (केएसडीएस) ने अपने वार्षिकोत्सव पर रविवार को कूपन विजेताओं के बीच पुरस्कार वितरण किया। इस अवसर पर केएसडीएस के विभिन्न जिलों के ग्राहक एवं अन्य लोग शरीक हुए। इस अवसर पर एक क्विज प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया था। तीन प्रथम विजेताओं को परिवार के साथ गोवा भ्रमण, तीन को एमपी-4 एवं चार विजेताओं को पेन ड्राइव दिए गये हैं। शहर के उमाशंकर मार्ग के एक रेस्टोरेंट में आयोजित इस कार्यक्रम को केएसडीएस के प्रबंधक संजीव कुमार, निदेशक नीरज कुमार, राजीव कुमार, गणेश प्रसाद, श्याम सर्राफ, राकेश तनेजा, अमिय रंजन, विपिन कुमार एवं विनय कुमार ने संबोधित किया जबकि मंच संचालन मनीष कुमार ने किया।

BIHAR BHAKTI SABHA

मुजफ्फरपुर, कार्यालय संवाददाता : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने डीआईजी अरविन्द पांडेय के भक्ति सभा की परिकल्पना पर मुहर लगा दी है। पिछले दिनों पटना में आयोजित पुलिस वीक कार्यक्रम सार्वजनिक मंच से भूमि विवाद को थाना स्तर पर ही निपटाने की सलाह दी। इसके लिए एसपी को थाना जाने को भी कहा। इधर, डीआईजी श्री पांडेय ने बुधवार को क्षेत्र के सभी एसपी को पत्र लिखकर मुख्यमंत्री के आदेश का अनुपालन करने का निर्देश दिया है। ज्ञात हो कि तिरहुत क्षेत्र का प्रभार ग्रहण करते ही श्री पांडेय ने स्थायी आदेश जारी कर भूमि विवाद को भक्ति सभा में सुलझाने का निर्देश दिया। डीआईजी का यह प्रयोग बहुत ही सफल हुआ। वर्षो से चल रहे सैकड़ों भूमि विवाद को सुलझाया गया। इसके तहत थानाध्यक्ष दोनों पक्षों के अलावा गणमान्य लोगों के साथ बैठक मामला सुलझाते हैं। इस प्रयोग की चर्चा मुख्यमंत्री के पास भी पहुंच गयी। इधर डीआईजी ने बुधवार को सभी एसपी को पत्र लिखकर कहा है कि भूमि विवाद के लंबित मामलों को अपने स्तर से समीक्षा करने को कहा है। साथ ही थाना में सप्ताह में दो दिन भक्ति सभा आयोजन सुनिश्चित कराने को भी कहा गया है। एसपी को भी थाना का निरीक्षण कर भूमि विवाद को प्राथमिकता के आधार पर निपटाने का निर्देश दिया गया है।

12 Dec 2008

Competetion

ऑल इंडिया टैलेंट अवार्ड प्रतियोगिता 18 जनवरी से
मुजफ्फरपुर, प्रतिनिधि : दिल्ली के दि सेवियर डेवलपमेंट सोसायटी के तत्त्‍‌वावधान में चौथी बार ऑल इंडिया टैलेन्ट अवार्ड प्रतियोगिता का आयोजन 18 जनवरी से शहर के विभिन्न विद्यालयों में आयोजित किया जायेगा। प्रतियोगिता में सीबीएसई, आईसीएसई एवं राज्य बोर्ड के दूसरी से 12वीं कक्षा तक छात्र भाग ले सकते हैं। इस बात की जानकारी संस्था के राज्य समन्वयक संतोष कुमार ने बुधवार को दी। उन्होंने कहा कि प्रतियोगियों को 20 दिसंबर से पहले अपने विद्यालय या पानी टंकी चौक स्थित दैनिक जागरण के कार्यालय में अपना पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। श्री कुमार ने कहा कि प्रतियोगिता मे ंविज्ञान, गणित एवं अंग्रेजी से 75 प्रश्न पूछे जायेंगे। जिसमें प्रत्येक वर्ग के प्रथम विजेता को गोल्ड मेडल एवं लैपटॉप, द्वितीय एवं तृतीय विजेता को सिल्वर एवं कांस्य मैडल के साथ कम्प्यूटर दिया जायेगा। साथ ही चार से 10 रैंक प्राप्त करने वाले को 5000 रुपये, 11 से 30 रैंक प्राप्त करने वाले को 2500 रुपये, 31 से 60 रैंक प्राप्त करने वाले को 1100 रुपये, 61 से 200 रैंक प्राप्त करने वाले को 500 रुपये एवं 201 से 500 रैंक प्राप्त करने वाले को सांत्वना पुरस्कार दिये जायेंगे। उन्होंने कहा कि जिस विद्यालय के छात्र मेधा सूची में आयेंगे उस विद्यालय को भी द सेवियर इन्टीलेंट ट्राफी दी जायेगी।

Health

अब ऐसा आलू जिसमें प्रोटीन ज्यादा शुगर कम
सुरेंद्र प्रसाद सिंह, नयी दिल्ली : कृषि वैज्ञानिकों को आलू की ऐसी प्रजातियां विकसित करने में सफलता मिली है, जिसमें प्रोटीन व अन्य विटामिन की मात्रा सामान्य प्रजाति के मुकाबले तीन गुना अधिक है। इस किस्म का ईजाद आलू में चौराई के जीन को मिलाकर किया गया है। आलू की इन नायाब प्रजातियों में शुगर की मात्रा बहुत कम हो गई है, जिससे आलू प्रसंस्करण(प्रोसेसिंग) उद्योग को बल मिलेगा। केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान (सीपीआरआई) के इस अग्रणी शोध के लिए राजधानी में जुटे दुनिया भर के आलू वैज्ञानिकों ने उसकी पीठ ठोंकी है। चार दिवसीय इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में देश के आलू उत्पादक राज्यों से किसानों को भी आमंत्रित किया गया है। सीपीआरआई के निदेशक एस.के. पांडेय ने कहा कि वर्ष 1999 तक देश में आलू की ऐसी कोई प्रजाति नहीं थी, जिसमें शुगर की मात्रा कम हो। इसके चलते आलू प्रसंस्करण और आलू उत्पादों का निर्यात नगण्य था। इस मुश्किल को सीपीआरआई के वैज्ञानिकों ने चुनौती के रूप में स्वीकार किया और नई प्रजातियों के ईजाद में जुट गए। संस्थान की पहली प्रजाति कोफरी सूर्या के नाम से खेतों तक पहुंची, जिसका प्रदर्शन उल्लेखनीय है। इस प्रजाति के आलू की खेती 22 से 24 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान पर भी की जा सकती है, जिसका लाभ आलू की खेती के लिए गैर परंपरागत राज्यों को भी मिलने लगा है। डाक्टर पांडेय ने बताया कि संस्थान में चार ऐसी संकर प्रजातियां विकसित की गई हैं, जिनमें शुगर की मात्रा अल्प है। जबकि स्वास्थ्य के लिए अत्यंत जरूरी प्रोटीन की मात्रा बढ़कर तीन गुना तक हो जाएगी। आलू को लेकर फैली भ्रांतियों के बारे में डाक्टर पांडेय ने साफ किया कि आलू में वसा की मात्रा बहुत कम होती है, लेकिन तले जाने पर आलू इसे बहुत अधिक सोख लेता है। आलू का प्रोटीन बहुत दुर्लभ किस्म का होता है। चौराई के जीन के साथ मिलने पर जो संकर प्रजाति तैयार होती है, वह अपने आप में खास हो जाती है।

Dainik Jagran News, 11-12-2008, Muzaffarpur Edition

एक वर्ष में निपटे 20 हजार मामले
तिरहुत क्षेत्र में एक वर्ष के अंदर 20 हजार मामलों का निष्पादन किया गया। इस बारे में डीआईजी अरविंद पांडेय ने पुलिस महानिदेशक को अपने एक वर्ष के कार्यो का लेखा-जोखा भेजा है। इसके पहले एक वर्ष में 13 हजार मामलों का निष्पादन किया गया था। सर्वाधिक भक्ति सभा पर फोकस करते हुए डीआईजी ने कहा है कि उनके कार्यकाल में 175 मामलों का निपटारा इसके जरिए किया गया। श्री पांडेय ने बताया कि क्षेत्रीय कार्यालय की सक्रियता के कारण अभियुक्तों की गिरफ्तारी में भी तिरहुत प्रमंडल के सभी जिले की पुलिस काफी तत्पर हुई। साथ ही भूमि विवाद का थाना से ही निपटारा शुरू होने के कारण दर्ज होने वाले कांडों में भी कमी आयी। उन्होंने इस एक वर्ष के कार्यकाल पर संतोष प्रकट किया। ज्ञात हो कि डीआईजी अरविन्द पांडेय ने चार नवम्बर 07 को तिरहुत क्षेत्र का प्रभार ग्रहण किया था। चार नवम्बर 06 से चार नवम्बर 07 तक क्षेत्र अन्तर्गत मुजफ्फरपुर में 6518, वैशाली में 3162, सीतामढ़ी में 3898 व शिवहर में 202 कुल 13780 मामलों का निष्पादन किया गया था। जबकि श्री पांडेय के कार्यकाल में चार नवम्बर 08 तक मुजफ्फरपुर में 12475, वैशाली 4928 सीतामढ़ी में 2598 व शिवहर में 193 कुल 201894 मामले निष्पादित हुए। पिछले वर्ष 26 विभागीय मामले निष्पादित हुए थे जबकि इस एक वर्ष के दौरान 85 मामले निष्पादित किये गये। श्री पांडेय ने सभी जिलों को विभिन्न मामलों में रिकार्ड पत्र भी निर्गत किया। पूर्व के वर्ष में सामान्य शाखा से 1791 अपराध से 3655 व गोपनीय से 1941 कुल 7387 हजार पत्र निर्गत हुए। जबकि श्री पांडेय के कार्यकाल में एक वर्ष में सामान्य शाखा से 1717, अपराध से 12389 व गोपनीय से 3356 कुल 16462 हजार पत्र निर्गत हुए। पिछले वर्ष मात्र 26 कांडों की समीक्षा की गयी थी जबकि इस वर्ष 95 मामलों की समीक्षा की गयी। श्री पांडेय के कार्यकाल की सबसे महत्वपूर्ण व लोकप्रिय बिहार भक्ति सभा में इस दौरान 175 मामलों का निपटारा किया गया। वहीं आवासीय कार्यालय में 892 व समाहरणालय परिसर स्थिति क्षेत्रीय कार्यालय में 4291 कुल 5083 लोगों से मिलकर उनकी समस्याओं को सुना व आवश्यक कार्रवाई का निर्देश दिया।